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PDF Title : | Sri Ramcharitmanas |
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Total Page : | 1119 Pages |
By: | Gita Press |
PDF Size : | 4.93 MB |
Language : | Hindi |
Source : | www.gitapress.org |
PDF Link : | Available |
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Summary
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Sri Ramcharitmanas – Hindi
आरति श्रीरामायनजी की। कौरति कलित ललित सिय पी की॥ गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान बिसारद॥
सुक सनकादि सेष अरू सारद। बरनि पवनसुत कीौरति नीकी॥ गावत बेद पुरान अष्टद्स। छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस॥
मुनि जन धन संतन को सरबस। सार अंस संमत सबही की॥ गावत संतत संभु भवानी । अरू घटसंभव मुनि बिग्यानी॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी। कागभुसुंडि गरुड के ही की॥ ‘कलिमल हरनि बिषय रस फीकी। सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की॥
दलन रोग भव मूरि अमी की। तात मात सब बिधि तुलसी की॥
रामचरितमानस, अवधी भाषा में एक महाकाव्य कविता है, जिसकी रचना १६वीं शताब्दी के भारतीय भक्ति कवि गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। रामचरितमानस का शाब्दिक अर्थ है “राम के कर्मों की झील”। रामचरितमानस को हिन्दी साहित्य की महानतम कृतियों में से एक माना जाता है। इसे तुलसीदास ने वर्ष 1633 में अवधी भाषा में लिखा था।