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PDF Title : | Madhushala – मधुशाला |
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Total Page : | 29 Pages |
Author: | Harivansh Rai Bachchan |
PDF Size : | 163 KB |
Language : | Hindi |
Source : | theanupamkher.com |
PDF Link : | Available |
Summary
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Madhushala – मधुशाला – Hindi
यह न समझना, पिया हलाहल मैंने, जब न मिली हाला, तब मैंने खप्पर अपनाया ले सकता था जब प्याला,
जले हृदय को और जलाना सूझा, मैंने मरघट को अपनाया जब इन चरणों में लोट रही थी मधुशालाकितनी आई और गई पी इस मदिरालय में हाला, टूट चुकी अब तक कितने ही मादक प्यालों की माला,
कितने साकी अपना अपना काम खतम कर दूर गए, कितने पीनेवाले आए, किन्तु वही है मधुशालाकितने होठों को रक्खेगी याद भला मादक हाला, कितने हाथों को रक्खेगा याद भला पागल प्याला,
कितनी शक्लो को रक्खेगा याद भला भोला साकी, कितने पीनेवालों में है एक अकेली मधुशाला