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PDF Title : | Maximize Your Potential To Develop Self-Confidence and Self-Esteem |
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Hindi Title : | Aatm-Vishwas Aur Aatm-Samman Badhye |
Total Page : | 130 Pages |
Author: | Dr Joseph Murphy |
PDF Size : | 2,041 KB |
Language : | Hindi |
Source : | drjosephmurphy.com |
PDF Link : | Available |
Summary
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Aatm-Vishwas Aur Aatm-Samman Badhye- Hindi
मिसाल के तौर पर, जॉनाथन नहीं जानता था कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन जब वह पानी के ऊपर अपने पंख के आधे विस्तार से कम ऊँचाइयों पर उड़ा, तो वह कम प्रयास से हवा में ज़्यादा समय तक रुक सकता था।
उसकी उड़ान का अंत समुद्र में आम तौर पर पैर की छपाक के साथ नहीं होते थे, बल्कि एक लंबी, समतल लकीर के साथ होता था। उसकी माँ ने कहा, “बाक़ी झुंड जैसा बनना तुम्हारे लिए इतना मुश्किल क्यों है?” दूसरे शब्दों में, तुम बाक़ी पक्षियों जैसे क्यों नहीं बनते हो?
व भिन्न क्यों बनना चाहते हो? तुम नीचे उड़ने को पेलिकन और एल्बेट्रॉस के लिए क्यों नहीं छोड़ सकते? तुम खाते क्यों नहीं हो? तुम्हारे शरीर में तो बस हड्डियाँ और पंख हैं।
उसने कहा, “मुझे हड्डियाँ और पंख होने से दिक्क़त नहीं है, माँ। मैं तो बस यह जानना चाहता हूँ कि मैं हवा में क्या कर सकता हूँ और कया नहीं कर सकता। बस, इतनी सी बात है। मैं बस जानना चाहता हूँ।”
वह जो चीज़ सचमुच चाहता है, वह है अपना सिर भीड़ के ऊपर उठाना। जब आप अपना सिर भीड़ के ऊपर उठाते हैं, तो लोग आप पर पत्थर फेंकते हैं।
यदि आप जीवन के कीचड़ और दलदल में काफ़ी नीचे हों, तो आप पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। लेकिन जब आप भीड़के ऊपर उठ जाते हैं, तो लोग आप पर निशाना साधते हैं।
कल्पना एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती है। यह अंधकार भरे संसार में प्रकाश का आकाशदीप है। मैं अनुशासित, नियंत्रित कल्पना की बात कर रहा हूँ। इमर्सन कहते हैं कि जब आप परंपरा तोड़ते हैं, तो संसार आपको चाबुक मारता है।