PDF Preview:
PDF Title : | Think and Grow Rich |
---|---|
Hindi Title : | Apani Soch Se Ameer Baniye |
Total Page : | 107 Pages |
Author: | Napoleon Hill |
PDF Size : | 2.1 MB |
Language : | Hindi |
Source : | naphill.org |
PDF Link : | Available |
Summary
Here on this page, we have provided the latest download link for Apani Soch Se Ameer Baniye (Think and Grow Rich) – Hindi PDF. Please feel free to download it on your computer/mobile. For further reference, you can go to naphill.org
Apani Soch Se Ameer Baniye (Think and Grow Rich) – Hindi
गरीबी और अमीरी में कोई समझौता नहीं हो सकता! गरीबी और अमीरी की सड़के विपरीत दिशाओ में जाती हैं। अगर आप अमीरी चाहते हैं तो आपको ऐसी किसी भी परिस्थिति को अस्वीकार करना चाहिए, जो गरीबी की तरफ ले जाती है।
(अमीरी’ शब्द का प्रयोग यहाँ पर सबसे व्यापक अर्थ में किया गया है, जिसमें आर्थिक, आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक अमीरी शामिल है।) अमीरी की तरफ जानेवाली राह का शुरुआती बिंदु है इच्छा। अध्याय एक में आपको पूरे निर्देश दिए गए है कि आप अपने मन को किस तरह इच्छा के प्रैक्टिकल प्रयोग के लिए तैयार करें।
यही वह जगह है, जहाँ आपको खुद को चुनौती देनी चाहिए, जो निश्चित रूप से यह निर्धारित करेगी कि आपने इस फिलॉसफी के कितने हिस्से को ग्रहण किया है। यही वह बिंदु है जहाँ आप भविष्यवक्ता बन सकते हैं और सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं कि आपका भविष्य कैसा होगा।
अगर इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप गरीबी को स्वीकार करने के इछुक हो तो आप गरीबी को स्वीकार करने की मानसिकता बना सकते है। यह एक ऐसा निर्णय है, जिससे आप बच नहीं सकते।
अगर आप अभमीरी मांगते है तो उसका स्वरुप निर्धारित कीजिए और वह मात्रा भी जिससे आप संतुष्ट हो जाए। आप अमीरी की तरफ जानेवाली सड़क को जानते हैं। आपको उस सड़क का ऐसा नक्शा दे दिया गया है। जिसका अनुसरण करने पर आप हमेशा उस सड़क पर सफलतापूर्वक चल पाएँगे।
अगर आप शुरुआत करने को नजरअंदाज कर देते हैं या अगर आप अपनी मंजिल आने से पहले ही उस सड़क को छोड़ देते है तो इसके लिए दोषी कोई और नहीं, बल्कि आप ही होंगे। जिम्मेदारी आपकी है।
अगर आप अब असफल होते है या जीवन की अमीरी की मांग करने को अस्वीकार करते है तो कोई बहाना आपको जिम्मेदारी स्वीकार करने से बचा नहीं सकता क्योंकि स्वीकृति के लिए केवल एक ही चीज की आवश्यकता है–उस एक चीज की जिसे आप नियंत्रित कर सकते है और वह है मानसिक अवस्था।
मानसिक अवस्था एक ऐसी चीज होती है, जिसे आप धारण करते है। इसे खरीदा नहीं जा सकता, इसे तो बनाना पड़ता है।