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PDF Title : | How to succeed at being yourself |
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Hindi Title : | Atmavishwas |
Total Page : | 93 Pages |
Author: | Alan Loy McGinnis |
PDF Size : | 1,794 KB |
Language : | Hindi |
Source : | jamesallen.com |
PDF Link : | Available |
Summary
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Atmavishwas (How to succeed at being yourself) – Hindi
इतना सब कहने के बाद मैं यह टिप्पणी भी करना चाहूँगा कि आकर्षक न होने के 440 द उत्कृष्ट आत्म-छवि संभव है। मैं कॉलेज के एक युवक को जानता हूँ, जो कैंपस की लगभग हर युवती को कर सकता था। दिलचस्प बात यह थी कि वह एक मोटी लड़की के साथ डेटिंग करना पसंद करता था।
उस मोटी लड़की के बारे में इस युवक का कहना था: “जब मैं उससे मिला, तो इस बात से प्रभावित हुआ कि मोटी होने के बावजूद वह इसके बारे में खुलकर बात करती थी और इसकी चिंता नहीं करती थी। वह मेरी जान-पहचान की सबसे प्रेमपरूर्ण और ख़ुशनुमा युवती थी। और सबसे बड़ी बात यह थी कि वह अपने बारे में अच्छा महसूस करती थी।
मैंने जिन बाक़ी लड़कियों के साथ डेटिंग की थी, वे मॉडल जैसी दिखती थीं। वे हमेशा चिंता करती रहती थीं कि उनका वज़न बढ़ जाएगा, वे ज़्यादा खाने के लिए ख़ुद को हमेशा दोष देती रहती थीं और मुझे बताती थीं कि वे अपने शरीर में बहुत सी चीज़ो को पसंद नहीं करती थीं।”
तो समाधान यह है कि या तो अपने शरीर को बदल लें या फिर वह जैसा है, उसे स्वीकार कर लें। अपने हुलिए को दोष देते रहने और उसे बदलने की कोशिश न करने से हमारा आत्मविश्वास कम होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका वज़न ज़्यादा है, तो आपके पास दो विकल्प हैं: या तो डाइटिंग और व्यायाम की योजना पर चलें या फिर कहें, “इस वक़्त मैं थोड़ा मोटा हूँ, लेकिन मैं जीवन का आनंद लूँगा, जिसमें भोजन भी शामिल है।”
हमें तीसरे विकल्प को अस्वीकार करना होगा, यानी अपने वज़न के बारे में कुछ नहीं करना और हर दिन कार में बैठकर चिंता कला, “मैं इतना मोटा हूँ। मुझे इस बारे में कुछ करना होगा। मैं ख़ुद को अनुशासित क्यों नहीं कर सकता? मैं बहुत लहूँ।