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PDF Title : | Bharat Ki Khoj |
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Total Page : | 197 Pages |
Book By: | Jawaharlal Nehru |
PDF Size : | 9.33 MB |
Language : | Hindi |
Source : | indianpdf.com |
PDF Link : | Available |
Summary
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Bharat Ki Khoj – Jawaharlal Nehru – Hindi
हर सभ्यता के जीवन में हास और विधटन के दौर बार-बार आते हैं और भात में इस तरह के दौर पहले आ चुके हैं। भारत ने उनसे बच कर नए सिरे से अपना कायाकल्प कर लिया।
कभी-कभी वह कुछ समय के लिए अपने ही भीनार सिमट गया और फिर नई शक्ति बटोर कर सामने आया। उसमें एक ऐसा सक्रिय अंतरतल रहा जो नए संपर्कों से अपने को हमेशा ताजा रूप देकर फिर से अपना विकास काना रहा-करुछ इस रूप में कि अतीत से भिन्न होकर भी उसके साध यहा संबंध बना रहा।
अपने को समय के अनुसार ढाल लेने की उस क्षमता ने, मानस के उस लचीलेपन ने जिसके कारण अतीत में अनेक बार भारत का बचाय हुआ, क्या भारत को अब छोड़ दिया है? क्या’ उसके निश्चित विश्वासों में और उसके सामाजिक ढाँचे की बढ़ती कट्टरता ने उसके मानस की इतना कौर बना दिया है?
क्योंकि अगर जीवन की गति और विकास रुक जाता है तो विचारों का विकाप्त भी ठहर जाता है। भारत में हमेशा से व्यवहार में रूढ़िवादिता और विचारों में विस्फोट का विचिन्न संयोग रहा है।