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PDF Title : | ” I’m Fine ” Spirit |
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Total Page : | 63 Pages |
Book By: | Okawa, Ryuho |
PDF Size : | 1.76 MB |
Language : | Hindi |
Creation : | 8/10/2019, 12:36:52 PM |
Source : | indianpdf.com |
PDF Link : | Available |
Summary
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” I’m Fine ” Spirit – Hindi
प्राचीन समय से यह कहा जाता रहा है कि लोग पैदा होकर अपनी ही छवि को प्रतिबिंबित करते हैं। य्रा शाक्यमुनि बुद्ध, सुकरात, मार्कस ऑरेलियस, दार्शनिक राल्फ वाल्डो इमर्सन और मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स, सभी इस बात से सहमत हैं। इन सबने अलग-अलग बोला है, किंतु उनके संदेशों का सार यह है :
मनुष्य अपनी उस छवि को प्रतिबिंबित करते उन्होंने अपने बारे में बना रखी होती है। आप वह टू जो आप सोचते हैं कि आप हैं। आप रोजाना क्या हैं? जिन चीजों को आप रोज देखते और विचारते हैं, वे आपको वह बनाती हैं, जो आप हैं।
आपके कप्रडों या बाहरी स्वरूप से कोई फर्क नहीं पड़ता। आपका आत्मवृत्त यानी रेज्युमे लोगों को नहीं दिखाएगा कि आप कौन हैं, पर आप वही हैं जो आप सोचते हैं।”
आत्मा की दुनिया में ऐसा ही होता है। वहां विचार के अतिरिक्त किसी चीज का अस्तित्व नहीं होता। आत्मा के संसार में अस्तित्व केवल विचारों से बनता है और चीजें ठीक उसी रूप में सामने आती हैं, जिस रूप में लोग सोचते हैं। समय बीतने पर ये विचार इस दुनिया में भी चरितार्थ होते हैं