Namak Swadanusar – Hindi [PDF]

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namak swad anusar book in hindi PDF - Preview

PDF Title : Namak Swadanusar
Total Page : 108 Pages
Book By: Nikhil Sachan
PDF Size : 711 KB
Language : Hindi
Source : hindyugm.com
PDF Link : Available
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Summary
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Namak Swadanusar – Hindi

“मैं कई मर्तबा ये भी सोचता हूँ है हमारे यहाँ मर्द और औरत को एक साथ रहने के लिए ज़रूरी तौर पर शादी क्यों करनी होती है? फ़र्ज़ करो कि मर्द और औरत एक साथ, एक छत के नीचे बिना शादी के ही रह सकते।”

“ऐसे में न ही बीवियाँ अपने शौहरों से चिढ़-कुढ़ कर उन्हें ज़िंदगी भर ये ताना मारतीं कि उन्होंने फ़लाने-फ़लाने-श्रीमान “लाख-गुना-बेहतर’ सज्जन के शादी के प्रपोज़ल को ठुकराकर उनसे पल्ला बाँधा और उसके बाद भी उनके शौहर निरे निखट्टू निकले और न ही शौहर ये शिकायत किया करते कि बीवियों को ख़ुश करने के चक्कर में उनकी कमर टूट गई और उसके बाद भी बीवियाँ उन्हें कोसा करती हैं।”

“कुंठा भी कम होती और ज़बरन साथ रहने से उपजी फ़स्टेशन भी। जब तक निभी, तो निभी और उसके पश्चात दोनों प्राणी अपने-अपने रास्ते।”

“लेकिन फिर कली ये दलील देंगे कि बिना शादी के मर्द और औरत का रिश्ता उतना ही कच्चा हो जाता कि कपास का फाया। ज़रा-सा खिंचा नहीं कि हो गये दो हिस्से। और चूँकि इंसान अपनी फ़ितरत से ही फिसल पड़ने वाला जीव है, इसलिए उसे बाँधा जाना बहुत ज़रूरी है।”

“लेकिन ऐसे में एक बुनियादी सवाल ये भी है कि कपास के फाये को बचाकर रखने की इतनी मशक़्क़त की भी क्‍यों जाए? सीधे कहानी लिखने के बजाय, कुछ देर रुक कर इन सवालों की जाँच-पड़ताल मैं इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि दरअसल ये सारे सवाल ओरिज़नली मेरे नहीं हैं।”

“ये सारे सवाल मेरी कहानी की नायिका के हैं। वो इस समय सुहागरात के बिस्तर पर बैठी, अपने पति के इंतज़ार में इन्हीं सवालों से जूझती हुई अपनी लट के छल्ले बना रही है। एक सवाल का एक छल्ला।”

“दूसरे सवाल का दूसरा। जब उसे जवाब मिल जाता है तो वो एक लट को खोल कर सीधा कर देती है। ये आदत उसने इसलिए बना रखी है कि यदि उसे कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब न मिलें तो देर-सबेर लट के छल्ले देखकर उसे याद रहे कि अभी भी कुछ अहम सवाल बिना उत्तर के ही उलझे पड़े हैं।”

Namak Swadanusar – Hindi PDF


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