PDF Preview:
PDF Title : | Vitamin Zindagi |
---|---|
Total Page : | 212 Pages |
Book By: | Lalit Kumar |
PDF Size : | 2.18 MB |
Language : | Hindi |
Source : | lalitkumar.in |
PDF Link : | Available |
Summary
Here on this page, we have provided the latest download link for Vitamin Zindagi – Hindi PDF. Please feel free to download it on your computer/mobile. For further reference, you can go to lalitkumar.in
Vitamin Zindagi – Hindi
“पोस्ट पोलियो सिन्ड्रोम कोई नई बीमारी नहीं है। यह स्थिति वायरस के कारण नहीं होती बल्कि पी.पी.एस. माँसपेशियों की नई शुरू हुई कमज़ोरी का नाम है। आप यूँ समझ सकते हैं कि पोलियो दो चरणों में अपना असर दिखाता है।”
“पहला चरण वह होता है, जब वायरस का हमला होता है, हमले से क्षतिग्रस्त माँसपेशियाँ काम करना बंद कर देती हैं, शरीर इस हमले से उबरने की कोशिश करता है और फिर अगले पंद्रह-बीस वर्ष “जो हो गया सो हो गया’ वाली स्थिति में गुज़रते हैं।”
“इसके बाद दूसरे चरण में माँसपेशियों की कमज़ोरी और अधिक बढ़ना शुरू होती है और फिर आगे बढ़ती ही चली जाती है। इसी दूसरे चरण को पोस्ट पोलियो सिन्ड्रोम कहा जाता है।”
“पोलियो के शिकार क़रीब 50% लोगों को पी.पी.एस. का सामना करना पड़ता है। चूँकि पी.पी.एस. का प्रमुख लक्षण माँसपेशियों की कमज़ोरी और थकान है, इसलिए इस स्थिति को पहचान पाना काफ़ी कठिन होता है।”
“यह तय करना मुश्किल होता है कि कमज़ोरी पी.पी.एस. के कारण है या कोई अन्य बीमारी (या उम्र) माँसपेशियों को कमज़ोर कर रही है।”
“पी.पी.एस. होने पर पीड़ित व्यक्ति को लगातार थकान रहती है, माँसपेशियाँ पहले जितना काम नहीं कर पाती और माँसपेशियों व जोड़ों में दर्द बना रहता है। पी.पी.एस. प्रगतिशील है, यानी यह स्थिति समय के साथ और अधिक बिगड़ती है। इस समस्या का कोई इलाज नहीं है।”
“डॉक्टरों की सलाह केवल यह होती है कि शरीर को थकाया न जाए, ऐसे हल्के व्यायाम किए जाएँ जिनसे थकान न हो, संतुलित आहार लिया जाए, वज़न को बढ़ने से रोका जाए, और व्हीलचेयर जैसी चीज़ों का प्रयोग किया जाए।”